महीना: मई 2009

ये पाकिस्तान में क्या हो रहा है ?

जरा नज़र डालिये पाकिस्तान की जन सन्ख्या पर, क्या कहता है अन्ग्रेजी भाषा का “विकीपीडिया इन्साइक्लोपीडिया” इस बारे में ।

पाकिस्तान की जन्सन्ख्या लगभग 17 करोड़ 28 लाख है । इस जन्सन्ख्या में 95% सुन्नी और शिया मुसलमान है, इसमें सुन्नी मुसलमानों का वर्चस्व ८५ प्रतिशत है । हिन्दुओं की सन्ख्या 32 लाख है , जो पाकिस्तान की आबादी का केवल 1.85% है । क्रिश्चियन्स की आबादी २८ लाख है जो केवल 1.6% है । सरदारों यानी सिखों की आबादी २० हजार है, जो पकिस्तान की कुल आबादी में 0.04% हैं ।

यानी हिन्दु जनता पाकिस्तान में प्रतिह्जार में लगभग १८ व्यक्ति, क्रिस्चियन्स १६ व्यक्ति और सरदार एक्दम नगण्य । यह है स्तिथि पाकिस्तान की , जो अपने यहां के अल्प सन्ख्यक आबादी को ढोना बोझ समझ रहा है । बीस हज़ार सिख भी उनके लिये बोझ बन गये हैं ? किसी भी सिख को वहा न तो नौकरी मिलती है और न वहां वे किसी आधिकारिक पद पर हैं । यही हाल सभी माइनारिटीज का है ।

विकीपीडिया में ऐसे बहुत से तथ्य दिये हुये है, जिन्हें देखकर और पढ्कर लगता है कि इलामावलम्बियों ने यह ठान लिया है कि वे इन सबका धर्म परिवर्तन करके अप्नी आबादी में शमिल करके शत प्रतिशत मुस्लिम आबादी मे तब्दील कर लेगा । हाल ही में पाकिस्तान के कई इलाकों में सिक्खों के ऊपर “जजिया कर” लगाने का क्या अर्थ निकाला जाय ? आज सिक्ख हैं, कल हिन्दू और क्रिष्चियन होंगे ? इस बात की क्या गारन्टी कि ऐसा नही होगा ?

सवाल यह है कि अल्प्सन्ख्यकों को देखने वाला य़ुनाइटेड नेशन्स का यह विभाग क्या कर रहा है ?