महीना: अक्टूबर 2016

जसोदा बेन ; आपके पति श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लिये एतिहासिक काम किया है ; आपको अपने पति पर महान गर्व करना चाहिये

जिस जमाने मे प्रधान मन्त्री श्री नरेन्द्र  मोदी जी की शादी हुयी होगी , उसी जमाने मे मेरी भी शादी हो गयी थी /

उत्तर प्रदेश के गावो मे यही प्रथा थी कि १४ साल बीतते ही लड़्के की शादी कर दी जाती थी / भले ही उसकी इच्छा हो या न हो / माता और   पिता और घर के बड़े बुजुर्ग शादी ब्याह का निर्णय लेते थे , यह निर्णय अकाट्य होता था और मानना पड़्ता था / भले ही लड़्का नकारा या कोई काम न करता हो बेकार हो उससे कोई फर्क नही पड़्ता था / बस घर के लोगो का यही एक मात्र ध्येय होता था कि शादी होना है तो होना है /

मै कान्यकुब्ज ब्राम्हन हू / उस जमाने मे    हमारी क्म्यूनिटी मे शादिया इसी तरह होती थी / हमारी कम्यूनिटी की मान्यता थी  कि शादी १२ से १४ साल के अन्दर हो जानी चाहिये / ज्यादा उम्र मे शादी होने का मतलब यह निकाला जाता था कि परिवार मे कोई खोट है इसीलिये लोग फलाने फलाने के दरवाजे शादी के लिये नही आते है / यह स्टेटस सिम्बल भी था और घर के बड़े बुजुर्गो के लिये “मूछों को उन्चा रखने के लिये इज्जत की  बात थी ” /

शादियो मे आजकल की तरह की choice  की कोई गुन्जाइश नही होती थी / लड़्की कानी है या काली है या बदसूरत है या लन्गड़ी है या लूली है या वह किस रन्ग की है और देखने मे कैसी है और  उसकी उम्र कितनी है , उम्र मे बड़ी है या छोटी है , श्रीर से मोटी है या पतली है, कैसी है        यह    सब परिवार के लोग देखते और समझते थे / लड़्के और लड़्की को एक दूसरे को देखने और समझने का कोई मौका नही मिलता था और ऐसा असम्भव था जब तक कि शादी की रस्ने पूरी न हो जाये और लड़की बिदा न हो जाये /

उम्र छोटी होने के कारण लड़्किया अपने मायके मे ही शादी की रस्मे पूरी हो जाने के बाद पिता के ही पास रह जाती थी और गौना होने तक अपने पिता के ही पास रहती थी / लड़्के वाले शादी की रस्मे पूरी  कराने के बाद वापस आ जाते थे / जब लड़्का और लड़्की दोनो ही वयस्क हो जाते थे यानी १८ साल की उम्र पार कर जाते थे तब लड़्के वाले लड़्की वालो के यहां जाकर लड़्की को विदा करा लाते थे और तब शादी का अनुष्ठान पूरी तरह से मान लिया जाता था /

मेरी शादी इसी उम्र मे हुयी थी  / मै शादी नही करना चाहता था क्योन्कि मेरी उम्र बहुत कम थी और मै बहुत कुछ करना चाहता था / मेरे साथ मे पन्जाब पाकिस्तान से आये रिफ्यूजियो के लड़्के पढते थे जो सब मेरी ही उम्र के थे / वे समझाते थे कि शादी का क्या मतलब होता है / साथ पढने वाले लड़्के बताते थे कि इतनी क्च्ची उम्र मे शादी तो उनके क्म्यूनिटी या समाज मे  नही होती है / मैने अपने पिता से इन्कार किया कि मै अभी शादी नहीकरून्गा / पिता ने धमकाया , डराया, घर से बाहर निकालने की धमकी दी , हर तरह से दबाव बनाया / अन्त मे मै हार गया मेरी सारी इच्छाये दफन हो गयी और अन्त मे मरता क्या न करता वाली हालत हो गयी और आखिर मे   मै शादी के लिये तैयार हो गया और मेरी शादी हो गयी /

गौना करके अपनी पत्नी को घर ले आया / मेरी शादी को अब ५३ साल हो चुके है  / मेरी पत्नी मुझसे कुछ साल बड़ी है / बीमार रहती है इसलिये मै उनकी सेवा उसी तरह से करता हू जैसा कि कोई बच्चा अपनी माता के लिये करता है /

प्रधान मन्त्री नरेन्द्र भाई  मोदी जी भी कुछ इसी तरह के हालात से गुजरे होन्गे जब उनकी शादी हुयी होगी / जैसा कि मुझे जानकारी है कि शादी होने के बाद जब उनकी पत्नी जसोदा बेन अपने मा और पिता के घर मे रह गयी थी , इस उम्मीद के साथ कि गौना होने के समय वह अपने पति श्री नरेन्द्र मोदी के साथ विदा होकर अपनी ससुराल जायेन्गी / लेकिन ऐसा हो नही पाया / कारण जो भी रहे हो / कच्ची उम्र मे नरेन्द्र भाई अपने शादी के मायने शायद न समझ पाये हो लेकिन जब उनको कुछ जिम्मेदारी का अहसास हुआ होगा और उनको लगा होगा कि जो वह करना चाहते है वह शादी शुदा जिन्दगी मे सम्भव नही होगा इसलिये उन्होने जसोदा बेन को गौना करके न लाने का फैसला किया होगा / ताकि उनके उद्देश्य की प्राप्ति मे कोई अड़्चन न आये /

हमे और हमारे देश के लोगो को   तो खुश होना चाहिये कि  नरेन्द्र भाई ने इतना बड़ा त्याग किया , अपने पारिवारिक जीवन को एक बडॆ़ उद्देश्य के लिये तिलान्जलि दे दी  / दूसरी तरफ जसोदा बेन को भी धन्यवाद और भूरि भूरि प्रशन्शा करनी चाहिये कि उन्होने इतना बड़ा    त्याग अपने पति के प्रति   किया और देश को एक एतिहासिक व्यक्तित्व प्रदान किया /

जसोदा बेन,  मेरे हृदय मे आपके प्रति बहुत सम्मान की भावना है / आपने भारतीय नारी के सभी गुणो को समाहित करके यह सन्देश देश और दुनिया को  दे दिया है कि आदि काल से चली आ रही भारतीय  नारी के लिये मर्यादित परम्पराओ का पालन आप्ने किस तरह किया है /

मेरी हार्दिक  इच्छा भी  है और मै  प्रधान मन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी  को अपनी पत्नी  जसोदा बेन   के  साथ  कम से कम एक बार ही सही,   देखना चाह्ता हू  / यह काम  वह अपनी ससुराल जाकर या प्रधान मन्त्री के आवास मे बुलाकर कर सकते है / आखिर जसोदा बेन उनकी पत्नी है /

मुझे और मेरे साथ देश के लोगो के लिये यह सुखद आश्चर्य होगा और अगर ऐसा हुआ तो यह भी एक तरह से एतिहासिक घटना होगी जिसे लोग लम्बे समय तक याद करेन्गे / मै प्रधान मत्री जी से केवल निवेदन ही कर सकता हूं /